गेहूं की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम: स्टॉक लिमिट लागू, 2026 तक रहेगी प्रभावी

Gehu ki kimto per lagam k liye kendra sarakar ka kadam

May 29, 2025 - 17:27
May 29, 2025 - 17:29
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गेहूं की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम: स्टॉक लिमिट लागू, 2026 तक रहेगी प्रभावी

नई दिल्ली

केंद्र सरकार ने देश में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने और जमाखोरी रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने सभी व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी चेन के खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसरों पर गेहूं के स्टॉक की सीमा (स्टॉक लिमिट) तत्काल प्रभाव से लागू कर दी है। यह सीमा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 31 मार्च, 2026 तक प्रभावी रहेगी।

क्यों लिया गया यह फैसला?

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और जमाखोरी व अनुचित सट्टेबाजी को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। हालांकि सरकार लगातार रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन और पर्याप्त उपलब्धता का दावा कर रही है, लेकिन बाजार में गेहूं की कीमतों में लगातार वृद्धि देखी जा रही थी। इस वृद्धि पर अंकुश लगाने और उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर गेहूं उपलब्ध कराने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

किस पर कितनी स्टॉक लिमिट?

सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं की स्टॉक सीमा इस प्रकार है:

व्यापारी/थोक विक्रेता: 3000 मीट्रिक टन

खुदरा विक्रेता: प्रत्येक खुदरा दुकान के लिए 10 मीट्रिक टन

बड़ी चेन के खुदरा विक्रेता: प्रत्येक खुदरा दुकान के लिए 10 मीट्रिक टन, बशर्ते कि उनके सभी खुदरा आउटलेट और डिपो में कुल मिलाकर अधिकतम मात्रा (10 गुणा कुल आउटलेट की संख्या) मीट्रिक टन हो।

प्रोसेसर: मासिक स्थापित क्षमता (MIC) का 70% गुणा वित्त वर्ष 2025-26 के शेष महीने।

नियमों का पालन न करने पर होगी सख्त कार्रवाई

सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी गेहूं स्टॉक रखने वाले संस्थाओं को हर शुक्रवार को गेहूं स्टॉक पोर्टल (https://foodstock.dfpd.gov.in) पर अपने स्टॉक की स्थिति घोषित/अपडेट करनी होगी। जो भी संस्था पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराएगी या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती पाई जाएगी, उस पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

यदि इन संस्थाओं के पास निर्धारित सीमा से अधिक स्टॉक पाया जाता है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा। केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी इन स्टॉक सीमाओं के प्रवर्तन पर कड़ी नजर रखेंगे ताकि देश में गेहूं की कोई कृत्रिम कमी पैदा न हो।

सरकारी खरीद की स्थिति:

केंद्र सरकार ने 27 मई, 2025 तक राज्य एजेंसियों/भारतीय खाद्य निगम (FCI) के माध्यम से 298.17 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है। सरकार का दावा है कि यह स्टॉक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS), ओपन मार्केट सेल स्कीम (OWS) और अन्य बाजार हस्तक्षेप योजनाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग कीमतों को नियंत्रित करने और देश में आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं की स्टॉक स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है।

यह कदम गेहूं की कीमतों में स्थिरता लाने और बाजार में जमाखोरी पर प्रभावी अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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