हरियाणा के पंचकूला में दिल दहला देने वाला कांड: एक ही परिवार के 7 लोगों की ज़हर खाकर सामूहिक आत्महत्या, धीरेन्द्र शास्त्री की कथा में आया था परिवार पीछे छूट गया 1 करोड़ का कर्ज
7 members of a family found dead inside a car, news from Haryana Panchkula

पंचकूला (हरियाणा), 27 मई 2025
हरियाणा के हाईटेक शहर पंचकूला में एक दर्दनाक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। सेक्टर 27 में सोमवार देर रात एक कार में एक ही परिवार के सात लोगों के शव मिलने से हड़कंप मच गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि परिवार ने आर्थिक तंगी और कर्ज के दबाव के चलते सामूहिक आत्महत्या की है। मरने वालों में तीन मासूम बच्चे भी शामिल हैं। घटनास्थल से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें आत्महत्या के पीछे की वजहों का उल्लेख किया गया है।
घटनाक्रम: रात 12 बजे के बाद सामने आया सच
सोमवार देर रात पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि सेक्टर 27 स्थित एक सुनसान प्लॉट के पास एक गाड़ी (मारुति एस-प्रेसो) लंबे समय से संदिग्ध स्थिति में खड़ी है। मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि कार के अंदर सात लोग बेसुध हालत में पड़े थे। तुरंत सभी को पंचकूला के ओजस अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक छह लोगों की मौत हो चुकी थी। सातवें की भी कुछ ही देर में मौत हो गई।
मृतकों की पहचान
मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है:
प्रवीण मित्तल (उम्र 40 वर्ष) – पेशे से व्यापारी, जिन पर कर्ज का सबसे ज्यादा बोझ था।
रीना मित्तल – प्रवीण की पत्नी।
देशराज मित्तल – प्रवीण के पिता, बुजुर्ग अवस्था में थे।
प्रवीण की माता (नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया)
तीन नाबालिग बच्चे – प्रवीण और रीना के बेटे-बेटियाँ (उम्र 5 से 14 वर्ष के बीच)
कार में मिला दो पन्नों का सुसाइड नोट
पुलिस को कार की डैशबोर्ड से दो पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जिसे प्रवीण ने लिखा है। उसमें लिखा है:
“मैं दिवालिया हो चुका हूं। मेरी गलतियों की वजह से मेरे पूरे परिवार को ये कदम उठाना पड़ रहा है। मेरी मौत के बाद मेरे ससुराल पक्ष को दोष न दें। अंतिम संस्कार का जिम्मा मेरे मामा का लड़का उठाए।”
पुलिस इस सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की पुष्टि और फॉरेंसिक जांच कर रही है।
1 करोड़ रुपये का लोन बना मौत का कारण
प्रवीण मित्तल ने करीब एक दशक पहले व्यापार के लिए एक करोड़ रुपये का लोन लिया था। शुरुआत में उन्होंने प्रॉपर्टी और टूर एंड ट्रैवल्स के बिजनेस में हाथ आजमाया। बताया जा रहा है कि व्यापार में लगातार घाटा होने के बाद वे अपने परिवार के साथ देहरादून शिफ्ट हो गए थे।
कुछ सालों बाद जब कर्जदारों का दबाव बढ़ा और बैंक ने कानूनी कार्रवाई शुरू की, तो प्रवीण दोबारा पंचकूला लौट आए। उनके रिश्तेदारों ने बताया कि बैंक ने उन्हें "डिफॉल्टर" घोषित कर दिया था और नोटिस भेजे जा रहे थे। यही तनाव उन्हें धीरे-धीरे आत्महत्या की ओर ले गया।
पिछले कुछ दिनों से थे तनाव में, समाज से दूरी बना ली थी
प्रवीण के ससुर राकेश गुप्ता ने बताया कि हाल ही में उन्होंने प्रवीण को पंचकूला में किराए का मकान दिलवाया था और उनकी आर्थिक मदद भी की थी। लेकिन प्रवीण ने किसी को अपने तनाव के बारे में खुलकर नहीं बताया। उन्होंने सामाजिक मेलजोल से दूरी बना ली थी और अपने बच्चों को भी स्कूल भेजना बंद कर दिया था।
पुलिस ने शुरू की जांच, सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं
डीएसपी पंचकूला ने जानकारी दी कि घटनास्थल के आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जांच की जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं यह आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला तो नहीं है। परिवार के रिश्तेदारों और करीबी दोस्तों से पूछताछ जारी है।
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