किरायेदारों के सत्यापन के लिए दुर्ग प्रशासन का सख्त आदेश
किरायेदारों की सूचना नजदीकी थाने या संबंधित थाना प्रभारी को देना अनिवार्य

दुर्ग, छत्तीसगढ़
कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी, दुर्ग (छ.ग.) द्वारा दिनांक 03/05/2025 को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है, जिसके तहत जिले में निवास कर रहे किरायेदारों के सत्यापन और उनसे संबंधित जानकारी पुलिस को उपलब्ध कराने के संबंध में कड़े निर्देश दिए गए हैं। यह आदेश जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से जारी किया गया है।
आदेश के प्रमुख बिंदु:
किराएदारों की सूचना अनिवार्य: सभी मकान मालिकों के लिए अपने किरायेदारों की सूचना नजदीकी थाने या संबंधित थाना प्रभारी को देना अनिवार्य होगा।
पहचान पत्र और आवश्यक जानकारी: मकान मालिक को किराएदार का पहचान पत्र, पूरा पता, संपर्क नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी देनी होगी।
बिना सूचना किरायेदार रखने पर कार्यवाही: बिना पुलिस को सूचना दिए किसी भी व्यक्ति को किराएदार के रूप में रखने पर संबंधित मकान मालिक के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
पूर्व सत्यापन की आवश्यकता: मकान मालिक को किराएदार रखने से पहले उनका सत्यापन कराना होगा।
नियमों का उल्लंघन करने पर दंड: यदि कोई मकान मालिक इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पंजीकृत सूचना की समय-सीमा: किसी भी किराएदार को रखने के 7 दिनों के भीतर उसकी सूचना पुलिस को देनी होगी।
जागरूकता अभियान: संबंधित थाना प्रभारी और स्थानीय प्रशासन द्वारा इस संबंध में आम जनता को जागरूक किया जाएगा।
तत्काल प्रभाव से लागू: यह आदेश तत्काल प्रभाव से दुर्ग, भिलाई, रिसाली, भिलाई-चरौदा, कुम्हारी, जामुल व निकटवर्ती नगरीय क्षेत्रों में लागू होगा।
कानूनी प्रावधानों का हवाला:
आदेश में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 162(2) के तहत और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 के अधीन जिला दंडाधिकारी को प्राप्त शक्तियों का हवाला दिया गया है। इसके अलावा, आदेश में जिला पुलिस अधीक्षक दुर्ग, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सभी अनुविभागीय दंडाधिकारी, नगर निगम आयुक्तों, नगर पालिका/नगर पंचायत अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, थाना प्रभारियों और पुलिस चौकियों को इस आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह आदेश पुलिस अधीक्षक को प्रेषित किया गया है और इसकी प्रतिलिपि अन्य संबंधित अधिकारियों को भी भेजी गई है। यह कदम जिले में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने में सहायक सिद्ध होगा।
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