
UPI में बड़ा बदलाव: RBI और NPCI ने मिलकर डिजिटल पेमेंट को बनाया और भी सुरक्षित, 2025 से लागू होंगे नए नियम
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने संयुक्त रूप से यूपीआई (UPI) सिस्टम में कई बड़े बदलाव किए हैं, जो वर्ष 2025 से प्रभाव में आ गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य डिजिटल भुगतान प्रणाली को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाना है।
🔐 सुरक्षा के लिए कड़े कदम
- निष्क्रिय यूपीआई आईडी होगी बंद: जो मोबाइल नंबर लंबे समय से उपयोग नहीं हो रहे, उनसे जुड़ी यूपीआई आईडी स्वत: निष्क्रिय कर दी जाएगी। इससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
- मोबाइल नंबर रिकॉर्ड का साप्ताहिक अपडेट: सभी बैंक और भुगतान सेवा प्रदाताओं को अपने ग्राहकों के मोबाइल नंबर की जानकारी हर सप्ताह अपडेट करनी होगी।

📊 ऑपरेशनल बदलाव
- यूज़र की स्पष्ट सहमति जरूरी: अब यूपीआई सेवाओं में मोबाइल नंबर जोड़ने के लिए यूज़र की स्पष्ट अनुमति अनिवार्य होगी। बिना सहमति कोई भी ट्रांजैक्शन लिंक नहीं किया जा सकेगा।
- ‘कलेक्ट पेमेंट’ फीचर समाप्त: फर्जी रिक्वेस्ट और ठगी को रोकने के लिए ‘पेमेंट रिक्वेस्ट’ यानी ‘कलेक्ट पेमेंट’ फीचर को हटाया जा रहा है।
📱 यूज़र अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में कदम
- वास्तविक रिसीवर का नाम ट्रांजैक्शन से पहले दिखेगा: अब यूज़र को पैसे भेजने से पहले प्राप्तकर्ता का असली नाम स्क्रीन पर दिखेगा, जिससे गलतियों और धोखाधड़ी की आशंका कम होगी (लागू: 30 जून 2025 से)।
- API उपयोग नियम लागू होंगे: 31 जुलाई 2025 से यूपीआई सिस्टम में API उपयोग को लेकर नए दिशानिर्देश लागू होंगे, जिससे सर्वर पर अनावश्यक लोड को कम किया जा सके।

⏱️ पिक आवर्स (Peak Hours) में कुछ सेवाओं पर रोक
- बैलेंस चेक लिमिट: रोजाना अधिकतम 50 बार बैलेंस चेक करने की अनुमति होगी।
- पिक टाइम में ऑटोपे सुविधा बंद रहेगी: सुबह 10 बजे से 1 बजे और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक ऑटोपे (AutoPay) की सुविधा अस्थायी रूप से बंद रहेगी।
🧾 चार्जबैक प्रोसेस में सुधार
- ऑटोमैटिक चार्जबैक निपटान: 15 फरवरी 2025 से लागू नए दिशानिर्देशों के अनुसार, विवादित लेनदेन पर स्वत: स्वीकृति या अस्वीकृति दी जाएगी, जिससे वापसी प्रक्रिया तेज और स्पष्ट हो सकेगी।
RBI और NPCI द्वारा किए गए ये बदलाव भारत में डिजिटल लेनदेन को और सुरक्षित, पारदर्शी और तेज़ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सभी उपयोगकर्ताओं से अनुरोध है कि वे इन नए नियमों को समझें और अपने यूपीआई लेनदेन में सावधानी बरतें।
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