
रायपुर में बिजली कटौती ने उड़ाया सरकार की उपलब्धियों का मजाक: पत्रकारों ने CM साय को लिया आड़े हाथ
रायपुर में एक कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार अपनी एक साल की उपलब्धियों का बखान कर रही थी, लेकिन महज पांच मिनट में दो बार बिजली कटने से स्थिति हास्यास्पद हो गई। मौके पर मौजूद पत्रकारों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पर तंज कसते हुए कहा, “साय साय, यही है एक साल की उपलब्धि!” इस घटना ने सरकार की उपलब्धियों पर सवाल खड़े कर दिए और सोशल मीडिया पर भी इसका जमकर मजाक उड़ा।
कार्यक्रम में बिजली कटौती ने खोली पोल
रायपुर में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी टीम 11 साल की उपलब्धियों का ब्योरा दे रही थी। लेकिन, कार्यक्रम शुरू होने के कुछ ही मिनटों में दो बार बिजली गुल हो गई। यह घटना उस समय हुई जब सरकार बिजली आपूर्ति और विकास कार्यों को अपनी बड़ी उपलब्धि बता रही थी। बिजली कटौती ने न केवल माहौल को असहज किया, बल्कि सरकार की तैयारियों पर भी सवाल उठा दिए।

पत्रकारों ने कसा तंज
बिजली कटने के बाद वहां मौजूद पत्रकारों ने मौके का फायदा उठाते हुए तंज कसना शुरू कर दिया। एक पत्रकार ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “साय साय, यही है एक साल की उपलब्धि!” अन्य पत्रकारों ने भी “बड़े आए उपलब्धि बताने” कहकर सरकार की खिंचाई की। यह घटना जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जहां लोगों ने बिजली कटौती को सरकार की नाकामी का प्रतीक बताया।

विपक्ष ने भी साधा निशाना
इस घटना ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया। विपक्षी नेताओं ने कहा कि जब सरकार की उपलब्धियों का बखान करने वाले कार्यक्रम में ही बिजली गुल हो रही है, तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने बिजली आपूर्ति में सुधार के दावों को खोखला करार दिया और सरकार से जवाब मांगा।

सोशल मीडिया पर उड़ा मजाक
घटना के बाद सोशल मीडिया पर #SaySay और #PowerCut जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। यूजर्स ने मीम्स और व्यंग्यात्मक कमेंट्स के जरिए सरकार की उपलब्धियों पर चुटकी ली। एक यूजर ने लिखा, “11 साल की उपलब्धि गिनाने में बिजली ने 11 मिनट भी नहीं दिए!” इस घटना ने सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए और बिजली आपूर्ति की स्थिति को लेकर जनता में नाराजगी को हवा दी।
सरकार की सफाई
बिजली कटौती की घटना पर सरकार की ओर से सफाई दी गई कि यह तकनीकी खराबी के कारण हुआ और इसे जल्द ही ठीक कर लिया गया। हालांकि, इस सफाई ने पत्रकारों और जनता के गुस्से को शांत करने में ज्यादा मदद नहीं की। लोगों का कहना है कि जब सरकार अपनी उपलब्धियों का जश्न मना रही हो, तब ऐसी लापरवाही अस्वीकार्य है।
यह घटना छत्तीसगढ़ में बिजली आपूर्ति की स्थिति और सरकारी दावों की हकीकत को सामने लाती है। जनता अब सरकार से ठोस कदमों की उम्मीद कर रही है ताकि भविष्य में ऐसी शर्मिंदगी से बचा जा सके।
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