
संसद मानसून सत्र: तीसरे दिन भी गतिरोध, दोनों सदन स्थगित
सत्र का गतिरोध
संसद के मानसून सत्र के तीसरे दिन, 23 जुलाई 2025 को, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के कारण कोई महत्वपूर्ण कामकाज नहीं हो सका। विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर और बिहार में विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की, जिसके चलते दोनों सदन दिनभर के लिए स्थगित कर दिए गए। विपक्षी नेताओं, विशेष रूप से कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में चर्चा की मांग की।
प्रमुख मुद्दे
विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को प्राथमिकता दी, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे के बाद कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया। सरकार ने इस मुद्दे पर 28 और 29 जुलाई को लोकसभा और राज्यसभा में 16-16 घंटे की चर्चा के लिए सहमति जताई है। इसके अलावा, बिहार में मतदाता सूची संशोधन और गाजा में अत्याचार जैसे मुद्दों ने भी सदन में तनाव बढ़ाया।
सरकार और विपक्ष का रुख
सरकार ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। बीजेपी नेता जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार किसी भी बहस से पीछे नहीं हट रही। हालांकि, विपक्ष ने सरकार पर मुद्दों को टालने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विपक्ष एकजुट होकर सरकार को जवाबदेह ठहराएगा।
सत्र का भविष्य
मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा, लेकिन लगातार गतिरोध ने कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा को प्रभावित किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों पक्षों को रचनात्मक बातचीत की दिशा में कदम उठाने होंगे, ताकि सत्र का उपयोग जनहित के मुद्दों पर हो सके। स्थानीय लोगों और विश्लेषकों ने चिंता जताई है कि संसदीय कार्यवाही में बार-बार रुकावट से जनता का विश्वास कम हो सकता है।
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