
माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान में 25 साल बाद समेटा कारोबार: कारण क्या?
10 जुलाई 2025
कारोबार बंद करने की घोषणा
वैश्विक तकनीकी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान में अपने 25 साल पुराने कारोबार को बंद करने की घोषणा की है। यह खबर कंपनी के पहले कंट्री मैनेजर जवाद रहमान ने लिंक्डइन पर साझा की, जिसमें उन्होंने इसे एक युग का अंत बताया। माइक्रोसॉफ्ट ने जून 2000 में पाकिस्तान में अपनी शुरुआत की थी, और अब यह निर्णय वैश्विक पुनर्गठन और लागत कटौती रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता
माइक्रोसॉफ्ट के इस कदम के पीछे पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक और राजनीतिक स्थिति को प्रमुख कारण माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार सरकार बदलने, भारी कराधान, मुद्रा अस्थिरता, और तकनीक आयात में चुनौतियों ने वैश्विक कंपनियों के लिए पाकिस्तान में कारोबार करना कठिन बना दिया है। 2024 के अंत तक पाकिस्तान का व्यापार घाटा 24.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, और विदेशी मुद्रा भंडार 11.5 बिलियन डॉलर तक गिर गया, जिसने निवेशक विश्वास को प्रभावित किया।
वैश्विक पुनर्गठन और छंटनी
माइक्रोसॉफ्ट का यह निर्णय कंपनी के वैश्विक स्तर पर चल रहे पुनर्गठन का हिस्सा है, जिसमें 9,000 से अधिक नौकरियों में कटौती की गई है। कंपनी ने पाकिस्तान में केवल पांच कर्मचारियों के साथ एक छोटा संपर्क कार्यालय संचालित किया था, जो मुख्य रूप से एंटरप्राइज सेल्स पर केंद्रित था। अब माइक्रोसॉफ्ट अपने ग्राहकों को क्षेत्रीय केंद्रों, विशेष रूप से आयरलैंड में अपने यूरोपीय हब, और स्थानीय भागीदारों के माध्यम से सेवा प्रदान करेगा।
प्रतीकात्मक नुकसान और चिंताएं
हालांकि यह बंद केवल पांच कर्मचारियों को प्रभावित करता है, लेकिन इसका प्रतीकात्मक प्रभाव पाकिस्तान के तकनीकी क्षेत्र पर गहरा है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अरिफ अल्वी ने इसे देश की आर्थिक भविष्य के लिए “चिंताजनक संकेत” बताया। उन्होंने 2022 में बिल गेट्स के साथ अपनी बातचीत का जिक्र किया, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट की पाकिस्तान में विस्तार की योजना थी, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता के कारण कंपनी ने वियतनाम को चुना।
तकनीकी क्षेत्र पर प्रभाव
माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान में डिजिटल परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें ग्रामीण स्कूलों में कंप्यूटर लैब स्थापित करना, डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना, और छोटे व्यवसायों में तकनीकी अपनाने का समर्थन करना शामिल था। कंपनी का बाहर जाना न केवल निवेशक विश्वास को प्रभावित कर सकता है, बल्कि सरकार की 5 लाख युवाओं को माइक्रोसॉफ्ट और गूगल से प्रमाणन प्रदान करने की महत्वाकांक्षी योजना को भी झटका दे सकता है।
भविष्य की राह
जवाद रहमान ने पाकिस्तान सरकार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से माइक्रोसॉफ्ट के वैश्विक नेतृत्व के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने की अपील की है ताकि कुछ स्तर की उपस्थिति बरकरार रखी जा सके। उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व और नीतिगत दृष्टिकोण पर सवाल उठाए, यह पूछते हुए कि क्या बदला और क्या खो गया। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान को अपने तकनीकी क्षेत्र को आकर्षक बनाने के लिए आर्थिक स्थिरता और नियामक सुधारों पर ध्यान देना होगा।
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