
माली में भारतीयों का अपहरण: अल-कायदा की फिरौती की मांग, रिश्तेदार ने बयां की आपबीती
नई दिल्ली, 6 जुलाई 2025
पश्चिम अफ्रीकी देश माली में अल-कायदा से जुड़े आतंकी संगठन जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमिन (जेएनआईएम) ने 1 जुलाई 2025 को तीन भारतीय नागरिकों का अपहरण कर लिया। अपहृत व्यक्तियों में ओडिशा के गंजम जिले के पी. वेंकटरमण, तेलंगाना के मिर्यालगुडा के अमरेश्वर राव, और आंध्र प्रदेश के रमना शामिल हैं। यह घटना माली के कायेस शहर में डायमंड सीमेंट फैक्ट्री पर हुए आतंकी हमले के दौरान हुई, जो हैदराबाद स्थित प्रसादित्य ग्रुप के स्वामित्व में है।
आतंकियों की मांग: फिरौती
पी. वेंकटरमण के एक रिश्तेदार ने बताया, “हमें कंपनी से सूचना मिली कि वेंकट को आतंकियों ने अगवा कर लिया है। अंतरराष्ट्रीय समाचार में दावा किया गया कि अल-कायदा ने कुछ लोगों का अपहरण किया है। जब हमने कंपनी से संपर्क किया, तो उन्होंने जानकारी लीक न करने को कहा और बताया कि आतंकी फिरौती की मांग कर रहे हैं।” रिश्तेदार ने यह भी कहा कि उन्होंने कई दिनों तक इंतजार किया, लेकिन कोई ठोस जवाब न मिलने पर पुलिस में शिकायत दर्ज की।

वेंकटरमण की मां, पनद नरसम्मा, ने भोजन छोड़ दिया है और अपने बेटे की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रही हैं। रिश्तेदार ने बताया, “वेंकट ने 30 जून को आखिरी बार फोन पर बात की थी। उसने बताया था कि कंपनी ने उन्हें आतंकियों की मौजूदगी के कारण बाहर जाने से मना किया है।”
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने इस घटना को “निंदनीय” करार देते हुए माली सरकार से अपहृत भारतीयों की सुरक्षित और शीघ्र रिहाई के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “भारत सरकार इस हिंसक कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करती है। बमाको में भारतीय दूतावास माली के स्थानीय अधिकारियों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और डायमंड सीमेंट फैक्ट्री के प्रबंधन के साथ लगातार संपर्क में है।” दूतावास अपहृत व्यक्तियों के परिवारों के साथ भी नियमित संपर्क में है।
जेएनआईएम: अल-कायदा का सहयोगी
सुरक्षा एजेंसियां संदेह जता रही हैं कि यह अपहरण जेएनआईएम द्वारा किया गया है, जो 2017 में अल-कायदा के प्रति निष्ठा की शपथ लेने वाला एक आतंकी संगठन है। जेएनआईएम ने उसी दिन माली के कायेस, डिबोली और सांदेरे में कई हमलों की जिम्मेदारी ली थी, हालांकि अपहरण की जिम्मेदारी अभी तक आधिकारिक तौर पर नहीं ली गई है। इस संगठन के पास अनुमानित 6,000 लड़ाके हैं और यह साहेल क्षेत्र में सक्रिय है, जहां यह विदेशी कर्मियों और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों को निशाना बनाता रहा है।
परिवारों का दर्द
तेलंगाना के कुरकुला अमरलिंगेश्वर राव के परिवार का कहना है कि 1 जुलाई, जो उनका जन्मदिन था, वह दिन उनके लिए दुखद बन गया। उनके भाई बबलू ने कहा, “हमें नहीं पता था कि वह ऐसी खतरनाक स्थिति में फंस जाएगा।” परिवार ने कंपनी और भारतीय दूतावास से बार-बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।
माली में बढ़ता आतंक
माली के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में आतंकी गतिविधियां बढ़ रही हैं। जेएनआईएम ने हाल के वर्षों में 6,000 से अधिक नागरिकों की हत्या की है और अब यह पश्चिम अफ्रीका के तटीय राज्यों में भी अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। इस घटना ने माली में काम करने वाले विदेशी कर्मियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं।
सरकार से अपील
वेंकटरमण के रिश्तेदार ने सरकार से अपील की, “मैं चाहता हूं कि मेरा साला सुरक्षित घर लौटे।” ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
भारत सरकार और माली प्रशासन मिलकर अपहृत भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के प्रयास कर रहे हैं। इस बीच, माली में रहने वाले भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और बमाको में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की सलाह दी गई है।
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