
कोरबा में बाढ़ का कहर: आपदा टीम ने 17 ग्रामीणों को खेत से सुरक्षित बचाया
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में भारी बारिश ने मचाई तबाही, आपदा प्रबंधन की त्वरित कार्रवाई से बची जानें
7 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में रविवार की शाम मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। पाली ब्लॉक के ग्राम ढुकुपथरा और पोंडी के लब्दापारा में खेती करने गए 17 ग्रामीण अचानक आई बाढ़ के पानी में फंस गए। तेज बहाव और अंधेरे के बीच हालात इतने गंभीर हो गए कि उनकी जान पर खतरा मंडराने लगा। जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की संयुक्त टीम ने तत्परता दिखाते हुए रातभर चले रेस्क्यू अभियान में सभी 17 लोगों को सुरक्षित बचा लिया।
रातभर चला रेस्क्यू अभियान
कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देशन में पाली तहसीलदार सूर्य प्रकाश केशकर के नेतृत्व में राजस्व विभाग, थाना पाली, जिला आपदा प्रबंधन, नगर सेना कोरबा और राज्य आपदा प्रतिक्रिया टीम बिलासपुर ने संयुक्त रूप से रविवार शाम से रेस्क्यू अभियान शुरू किया। बारिश, अंधेरा और तेज जलप्रवाह के बावजूद टीम ने हिम्मत नहीं हारी। लगभग 10 घंटे की कठिन मेहनत के बाद सोमवार तड़के 3 बजे सभी 17 ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी के चेहरों पर राहत और प्रशासन के प्रति आभार की भावना साफ झलक रही थी।

बाढ़ ने बिगाड़े हालात
कोरबा और आसपास के जिलों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं। जलभराव के कारण सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पाली ब्लॉक के ढुकुपथरा और पोंडी के लब्दापारा के ग्रामीण खेती के लिए खेतों में गए थे, लेकिन अचानक बढ़े जलस्तर ने उन्हें घेर लिया। नदी का तेज बहाव उनकी वापसी के रास्ते में बाधा बन गया। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई शुरू की और रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया।
चेतावनी की अनदेखी पड़ी भारी
जिला प्रशासन ने बारिश और बाढ़ की संभावना को देखते हुए पहले ही अलर्ट जारी किया था। मीडिया, मुनादी और अन्य माध्यमों से नदी-नालों के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई थी। इसके बावजूद, कुछ ग्रामीणों ने चेतावनी को नजरअंदाज कर खेती के लिए खेतों का रुख किया, जिसका परिणाम यह भयावह स्थिति रही। सौभाग्य से, प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के कारण कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने जताया आभार
बाढ़ के बीच 10 घंटे तक मौत से जूझने के बाद सुरक्षित लौटे ग्रामीणों ने प्रशासन और आपदा प्रबंधन की संयुक्त टीम को देवदूत बताया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की तत्परता ने उन्हें नया जीवन दिया। ग्रामीणों ने शासन और बचाव दल का हृदय से आभार व्यक्त किया।
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