
दुर्ग: 2 बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेज़ों से 10 साल से रह रहे थे
दुर्ग, 03 जून 2025: छत्तीसगढ़ में अवैध घुसपैठियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत, दुर्ग पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों पिछले 10 से 12 सालों से फर्जी पहचान और कूटरचित दस्तावेज़ों का इस्तेमाल कर दुर्ग के कैंप-02 छावनी में रह रहे थे। इस कार्रवाई के साथ, दुर्ग जिले में अब तक कुल 7 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों पर शिकंजा कसा जा चुका है।
पुलिस को 3 जून 2025 को कैंप-02 अमन लकड़ी टाल के पास एक किराए के मकान में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली। एसटीएफ और छावनी थाना पुलिस की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। शुरुआती पूछताछ में संदिग्धों ने खुद को मोहम्मद अली शेख और साथी शेख बताया, और मूल रूप से पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना का निवासी होने का दावा किया।
मोहम्मद अली शेख का असली नाम मोहम्मद अब्दुल रौब हुसैन (48 वर्ष, निवासी राजबाड़िया, झिकारगाछा, जेस्सोर, बांग्लादेश) निकला। वह 2012 में अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पार कर भारत आया था। उसने पश्चिम बंगाल में शादी की और अपनी पत्नी की मदद से मोहम्मद अली शेख के फर्जी नाम से जन्मतिथि बदलकर भारतीय आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर कार्ड जैसे कूटरचित दस्तावेज़ बनवाए। उसके मोबाइल से बांग्लादेशी पासपोर्ट, पहचान पत्र और जन्म प्रमाण पत्र भी मिले हैं।
साथी शेख का असली नाम साथी खातून (निवासी निरबासखुला, झिकारगाछा, जेस्सोर, बांग्लादेश) पाया गया। वह 2014 में अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई थी। उसने अपने मामा मोहम्मद अब्दुल रौब की मदद से अपनी बांग्लादेशी पहचान छिपाकर फर्जी भारतीय आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक पासबुक बनवाए। उसके मोबाइल से भी बांग्लादेशी जन्म प्रमाण पत्र, फोटो पहचान पत्र और पासपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज़ बरामद हुए हैं।
दोनों बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ थाना छावनी में भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस.) अधिनियम 2023, विदेशी नागरिक विषयक अधिनियम 1986, भारतीय पासपोर्ट अधिनियम 1967, और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस अब उन सभी व्यक्तियों की पहचान कर रही है जिन्होंने इन घुसपैठियों को भारत में अवैध रूप से रहने, संरक्षण देने और फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने में मदद की। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी छावनी और एसटीएफ टीम की अहम भूमिका रही।
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