
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का आतंकी फंडिंग में दुरुपयोग: FATF ने पुलवामा और गोरखनाथ हमलों का हवाला देकर दी चेतावनी
नई दिल्ली, 9 जुलाई 2025
वैश्विक आतंकी वित्तपोषण निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने अपनी ताजा रिपोर्ट ‘Comprehensive Update on Terrorist Financing Risks’ में खुलासा किया है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स (EPOMs), ऑनलाइन पेमेंट सेवाएं जैसे PayPal, और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPNs) का उपयोग आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने और सामग्री खरीदने में किया जा रहा है। रिपोर्ट में भारत के दो बड़े आतंकी हमलों—2019 के पुलवामा हमले और 2022 के गोरखनाथ मंदिर हमले—का उदाहरण देते हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग पर चिंता जताई गई है।
पुलवामा हमले में Amazon का दुरुपयोग

FATF की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में 40 CRPF जवानों की मौत हुई थी। इस हमले में इस्तेमाल हुए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का एक प्रमुख घटक—एल्यूमिनियम पाउडर—ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Amazon के जरिए खरीदा गया था। इस सामग्री ने धमाके की तीव्रता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारतीय अधिकारियों ने इस हमले के लिए पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) को जिम्मेदार ठहराया। जांच में 19 लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत आरोप लगाए गए, जिनमें सात विदेशी नागरिक शामिल थे। इसके अलावा, वाहन और आतंकी ठिकानों जैसे चल और अचल संपत्तियों को भी जब्त किया गया।
गोरखनाथ मंदिर हमले में PayPal और VPN का इस्तेमाल

रिपोर्ट में अप्रैल 2022 में उत्तर प्रदेश के गोरखनाथ मंदिर पर हुए हमले का भी जिक्र है, जिसमें इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड लेवांत (ISIL) से प्रेरित एक व्यक्ति ने सुरक्षा कर्मियों पर हमला किया था। जांच में पाया गया कि आरोपी ने PayPal के माध्यम से विदेशी खातों में लगभग 6.69 लाख रुपये (लगभग 7,685 USD) ट्रांसफर किए थे। इस दौरान उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए VPN सेवाओं का उपयोग किया। आरोपी ने 44 अंतरराष्ट्रीय थर्ड-पार्टी लेनदेन किए और विदेश से 10,323.35 रुपये (लगभग 188 USD) प्राप्त किए। संदिग्ध गतिविधियों के कारण PayPal ने उसके खाते को निलंबित कर दिया, जिससे आगे के अवैध लेनदेन रुके।
व्यापार आधारित मनी लॉन्ड्रिंग की रणनीति

FATF ने बताया कि आतंकी संगठन व्यापार आधारित मनी लॉन्ड्रिंग (Trade-Based Money Laundering) की रणनीति अपनाते हैं। इसमें एक व्यक्ति ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए सामान खरीदता है और उसे अपने सहयोगी को भेजता है, जो इसे दूसरे क्षेत्र में बेचकर मुनाफा कमाता है। इस मुनाफे का उपयोग आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाता है। ये लेनदेन पारंपरिक वायर ट्रांसफर की तुलना में कम पारदर्शी होते हैं, जिससे लेनदेन करने वालों की पहचान करना मुश्किल हो जाता है।
राजकीय प्रायोजन पर चिंता
रिपोर्ट में ‘राजकीय प्रायोजन’ (State Sponsorship) को आतंकी वित्तपोषण का एक प्रमुख स्रोत बताया गया है। FATF ने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि कई देश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आतंकी संगठनों को वित्तीय, लॉजिस्टिक, और प्रशिक्षण सहायता प्रदान कर रहे हैं। भारत ने लंबे समय से पाकिस्तान पर ऐसे आरोप लगाए हैं और FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ में उसकी वापसी की मांग की है। जून 2025 में पहलगाम हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के बाद FATF ने ऐसी गतिविधियों की कड़ी निंदा की थी।
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती चुनौतियां
FATF ने चेतावनी दी कि पिछले एक दशक में फिनटेक और पीयर-टू-पीयर (P2P) पेमेंट सेवाओं का विस्तार आतंकियों के लिए आकर्षक बन गया है। ये प्लेटफॉर्म कम लागत, तेजी से स्थानांतरण, और छद्म नामों या फर्जी खातों के जरिए गुमनामी प्रदान करते हैं। यूरोपोल के अनुसार, छोटी आतंकी इकाइयां और विदेशी आतंकी लड़ाके (FTFs) हथियार, रसायन, और प्रचार सामग्री खरीदने के लिए इनका उपयोग करते हैं। इसके अलावा, नस्लीय या जातीय रूप से प्रेरित आतंकी समूह (EoRMT) किताबें, कपड़े, और संगीत जैसी सामग्री बेचकर धन जुटाते हैं।
भविष्य के लिए चेतावनी
FATF ने सदस्य देशों से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सख्त निगरानी और नियामक उपायों को लागू करने की अपील की है। रिपोर्ट में हवाला, क्राउडफंडिंग, मानव तस्करी, और गैर-लाभकारी संगठनों के दुरुपयोग जैसे अन्य आतंकी वित्तपोषण के तरीकों का भी उल्लेख किया गया है। भारत ने डिजिटल आतंकी वित्तपोषण को रोकने के लिए अपनी वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) के माध्यम से कदम उठाए हैं, लेकिन वैश्विक स्तर पर समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है। FATF की यह रिपोर्ट डिजिटल युग में आतंकवाद के खिलाफ नई चुनौतियों को रेखांकित करती है।
👇👇हमारे WhatsApp channel से जुड़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें👇👇
https://whatsapp.com/channel/0029VbALQC677qVNwdR5Le3V