
छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी पर सियासी घमासान: धर्मांतरण और मानव तस्करी का मामला गरमाया
रायपुर, 29 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों की गिरफ्तारी के मामले ने सियासी रंग ले लिया है। केरल की दो ननों, सिस्टर वंदना फ्रांसिस और सिस्टर प्रीति, पर मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तारी के बाद इंडिया गठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल जेल में बंद ननों से मिलने छत्तीसगढ़ पहुंचा है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस मामले पर विस्तृत जांच की बात कही है और नए धर्मांतरण कानून की घोषणा की है।
दुर्ग स्टेशन पर बजरंग दल की शिकायत के बाद कार्रवाई
दुर्ग रेलवे स्टेशन पर 25 जुलाई को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की शिकायत पर पुलिस ने दो ननों और एक अन्य व्यक्ति सुकमन मंडावी को गिरफ्तार किया। आरोप है कि नन नारायणपुर की तीन आदिवासी युवतियों को नौकरी और नर्सिंग प्रशिक्षण का लालच देकर आगरा ले जा रही थीं। जीआरपी थाने में दर्ज एफआईआर के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बयानों के आधार पर एफआईआर के पर्याप्त सबूत हैं, और यह मामला मानव तस्करी और धर्मांतरण से जुड़ा है।
केरल से डेलिगेशन की दखल, कांग्रेस का विरोध
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ननों को न्याय दिलाने के लिए हस्तक्षेप की मांग की है। कांग्रेस ने इसे अल्पसंख्यकों पर हमला बताते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गिरफ्तारी की निंदा की और निष्पक्ष जांच की मांग की। इंडिया गठबंधन के चार सांसदों का प्रतिनिधिमंडल ननों से मिलने रायपुर पहुंचा, जिसके बाद सियासी हलचल और तेज हो गई है।

उपमुख्यमंत्री का बयान: कानून करेगा अपना काम
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इस मामले की विस्तृत जांच चल रही है। जीआरपी थाने में दर्ज बयानों के आधार पर पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि ननों द्वारा नारायणपुर की आदिवासी युवतियों को ले जाया जा रहा था, और पिछले कुछ वर्षों में ऐसी घटनाओं की जानकारी मिली है। शर्मा ने कहा, “कानून अपना काम कर रहा है। सभी आरोपी अभी जेल में हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि छत्तीसगढ़ में अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए नया कानून लाया जा रहा है, जो इस तरह के मामलों पर और सख्ती लाएगा।

नया धर्मांतरण कानून लाने की तैयारी
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए एक नया और कड़ा कानून लाने की तैयारी कर रही है। यह कानून विधानसभा के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी हाल ही में शदाणी दरबार में आयोजित हिंदू राष्ट्रीय अधिवेशन में इस कानून का ड्राफ्ट तैयार होने की जानकारी दी थी। शर्मा ने कहा कि यह कानून छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामलों पर स्पष्टता लाएगा और इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।
चर्च और अल्पसंख्यक समुदाय का विरोध
सीरो-मालाबार चर्च ने ननों की गिरफ्तारी की निंदा की है और इसे अल्पसंख्यकों पर हमला करार दिया है। चर्च का कहना है कि नन तीन व्यस्क महिलाओं को आगरा के फातिमा अस्पताल में नौकरी के लिए ले जा रही थीं, और उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। केरल सरकार और चर्च ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
जांच और सियासत के बीच तनाव
यह मामला अब छत्तीसगढ़ और केरल की सीमाओं को पार कर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। बजरंग दल और बीजेपी का दावा है कि यह मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण का मामला है, जबकि कांग्रेस और केरल सरकार इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश बता रही है। जांच के नतीजे और नए कानून का ड्राफ्ट इस मामले को और गंभीर दिशा दे सकते हैं। फिलहाल, पुलिस और प्रशासन इस मामले की गहन जांच में जुटे हैं।
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