
छत्तीसगढ़ के कांकेर में धर्मांतरण विवाद: आदिवासी समाज का उग्र विरोध
जामगांव में तनाव की शुरुआत]
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के जामगांव में धर्मांतरण को लेकर एक गंभीर विवाद सामने आया है। यह घटना तब शुरू हुई जब एक धर्मांतरित ईसाई व्यक्ति, सोमलाल राठौर की मृत्यु के बाद उनके परिजनों ने ईसाई रीति-रिवाज के अनुसार उनकी निजी जमीन पर शव को दफनाया। स्थानीय आदिवासी समाज ने इसे अपनी परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं का उल्लंघन माना, जिसके चलते क्षेत्र में तनाव फैल गया।
आदिवासी समाज का आक्रोश और चर्च पर हमला
इस घटना से नाराज ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने स्थानीय चर्च में तोड़फोड़ की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। ग्रामीणों और बजरंग दल ने शव को कब्र से निकालने की मांग की है। मृतक के भाई ने भी पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार की मांग उठाई है। इसके साथ ही, कुछ लोगों ने हत्या का आरोप लगाते हुए पोस्टमॉर्टम की मांग की, जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
प्रशासन का हस्तक्षेप और स्थिति पर नियंत्रण
विवाद बढ़ने के बाद प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया। वर्तमान में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बताई जा रही है। पुलिस और प्रशासन इस मामले की जांच कर रहे हैं ताकि तनाव को और बढ़ने से रोका जा सके।

बस्तर में धर्मांतरण का बढ़ता विवाद
यह घटना बस्तर संभाग में धर्मांतरण के मुद्दे पर बढ़ते तनाव का एक हिस्सा है। आदिवासी समाज अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को बचाने के लिए एकजुट हो रहा है। कांकेर के कुड़ाल गांव में “पादरी और पास्टर का प्रवेश निषेध” का बोर्ड लगाया गया है, जो इस आक्रोश को और स्पष्ट करता है। हाल ही में दुर्ग में दो ननों को मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में हिरासत में लिया गया है, जिसने इस मुद्दे को और तूल दे दिया।
राजनीतिकरण का आरोप और सामंजस्य की जरूरत
कुछ लोग इस विवाद को राजनीतिक मुद्दा बनाकर सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं। यह स्थिति आदिवासी परंपराओं और धार्मिक विविधता के बीच सामंजस्य की आवश्यकता को रेखांकित करती है। समाज के विभिन्न वर्गों और प्रशासन को मिलकर इस संवेदनशील मुद्दे का समाधान निकालने की जरूरत है ताकि शांति और सद्भाव बना रहे।
यह घटना छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे पर गहरे सामाजिक और सांस्कृतिक विभाजन को दर्शाती है। प्रशासन, सामाजिक संगठनों और स्थानीय नेताओं को इस मुद्दे पर संवाद और समझदारी के साथ काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
👉 हमारे WhatsApp channel से जुड़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें👇👇
https://whatsapp.com/channel/0029VbALQC677qVNwdR5Le3V