
भिलाई: जमीन विवाद में भाजपा नेता जितेंद्र पाण्डेय पर जानलेवा हमला, हवाई फायरिंग से दहला इलाका; पुलिस जांच पर उठे सवाल
भिलाई (दुर्ग)04 जून : जमीन के पुराने सौदे को लेकर हुए एक विवाद ने सोमवार रात (30 मई 2025) को खूनी रूप ले लिया। भाजपा नेता और जमीन कारोबारी जितेंद्र पाण्डेय (34 वर्ष, पिता विनोद पाण्डेय) पर कुछ व्यक्तियों ने खुखरी और बंदूक से हमला कर दिया, साथ ही हवाई फायरिंग भी की, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। इस घटना में जितेंद्र पाण्डेय और उनके परिवार ने पुलिस पर ढिलाई बरतने और दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है।
घटना का विस्तृत ब्यौरा:जितेंद्र पाण्डेय के अनुसार, यह विवाद लगभग 11 माह पुराने एक जमीन सौदे से जुड़ा है। उन्होंने सोनू मौर्य को 23 लाख रुपये दिए थे, जिसके बदले में सोनू ने उन्हें 12 प्लॉट का सौदा किया था। जितेंद्र का आरोप है कि सोनू ने न तो प्लॉट का कब्जा दिया और न ही पैसे वापस किए, जबकि कुल सौदा 55 लाख 55 हजार 1 रुपये का था, जिसमें सोनू ने राजेश साहू से भी पैसे लिए थे।

जितेंद्र पाण्डेय के मुताबिक, सोमवार रात लगभग 11 बजे, जब वह अपने दोस्त रिंकू के साथ मार्केट से लौट रहे थे, तभी डी.के. साहू, मोजेश कुमार और हरप्रीत सहित कुछ अन्य व्यक्ति उन पर हमला करने के इरादे से आगे बढ़े। हरप्रीत अपनी सफेद स्विफ्ट डिजायर कार (क्रमांक CG07CG2805) में था, जबकि डी.के. साहू और मोजेश एक सुनहरी मेहरून रंग की कार में थे।पाण्डेय ने बताया कि हमलावरों ने पहले फोन पर और फिर घर आकर उनके पिता विनोद पाण्डेय और मां को भद्दी-भद्दी गालियां दीं, साथ ही उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। धमकी भरे फोन कॉल्स +91 98278 75246 और +91 95018 68521 नंबरों से आए। जितेंद्र के अनुसार, हमलावरों ने कहा कि अगर वह मिलने नहीं आए, तो वे घर में घुसकर उनके परिवार को जान से मार देंगे।
इस धमकी के बाद, जितेंद्र पाण्डेय अपने दोस्त रिंकू के साथ जयंती स्टेडियम के शाही दशहरा मैदान स्थित हेलीपैड के ऊपर पहुंचे, जहां डी.के. साहू और मोजेश कुमार पहले से मौजूद थे। जितेंद्र ने बताया कि वहां पहुंचते ही मोजेश कुमार ने उन पर खुखरी से हमला करने की कोशिश की, जिसे उन्होंने किसी तरह रोक लिया। उनके दोस्त रिंकू ने जब उन्हें बचाने के लिए कार से बाहर निकालने की कोशिश की, तो डी.के. साहू ने रिंकू को पकड़ लिया।
इसी दौरान, हरप्रीत के साथ आया एक अज्ञात सरदार, जिसने हरे रंग का पठानी कुर्ता-पायजामा पहना था, ने दोनाली राइफल से हवाई फायरिंग की, जिससे वे डर गए। इसके बाद हमलावरों ने जितेंद्र और रिंकू को लात-घूंसों से पीटा। हरप्रीत ने बंदूक के बट से जितेंद्र के उल्टे पैर पर भी वार किया।
पुलिस की भूमिका और आरोप:घटना के दौरान ही जितेंद्र पाण्डेय ने डायल 112 पर कॉल किया, जिसके बाद पेट्रोलिंग गाड़ी मौके पर पहुंची। हालांकि, पुलिस के पहुंचने से पहले ही हमलावर जितेंद्र का मोबाइल छीनकर फरार हो गए। पुलिस ने जितेंद्र और उनके दोस्त को सेक्टर 6 भिलाई कोतवाली थाना पहुंचाया, जहां से उन्हें मेडिकल जांच के लिए सुपेला अस्पताल भेजा गया।
जितेंद्र पाण्डेय ने बताया कि थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा ने बाद में उनका छीना हुआ मोबाइल वापस दिलाया और उन्हें शिकायत आवेदन देने को कहा। 2 जून 2025 को शिकायत दर्ज कराई गई और इस संबंध में दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय से 3 जून 2025 को आगे की कार्रवाई के लिए पत्र भी भेजा गया।
हालांकि, जितेंद्र पाण्डेय ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि घटना के चार दिन बीत जाने के बावजूद भी पुलिस ने न तो हमलावरों द्वारा इस्तेमाल की गई बंदूक को जब्त किया है, न उसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है और न ही घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज लिए गए हैं। उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस से त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस का पक्ष:थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा का कहना है कि मामला दर्ज कर जांच जारी है। उन्होंने बताया कि ‘बात प्रमाणित नहीं हो रही है’, लेकिन अपराध में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि जांच के दौरान 50,000 रुपये बरामद हुए हैं, और अप्रैल में सोनू पाण्डेय को एक लाख रुपये दिए गए थे।
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