
दिल्ली में 1 जुलाई 2025 से पुराने वाहनों पर सख्त नियम: पेट्रोल-डीजल पर रोक, जानें पूरा विवरण
30,जून,2025
वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने की पहल
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। 1 जुलाई 2025 से राजधानी में 15 साल से पुराने पेट्रोल और CNG वाहनों तथा 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को किसी भी पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं मिलेगा। यह नियम दिल्ली सरकार की “No Fuel For Old Vehicles” नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़कों से हटाना है। इस नियम से विशेष रूप से 2009 से पहले रजिस्टर हुए वाहन प्रभावित होंगे।
नया नियम: क्या है “एंड-ऑफ-लाइफ” वाहन?
नए नियम के तहत, 15 साल से पुराने पेट्रोल और CNG वाहनों तथा 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को “एंड-ऑफ-लाइफ (EOL)” वाहन माना जाएगा। ऐसे वाहनों को दिल्ली के किसी भी फ्यूल स्टेशन पर पेट्रोल, डीजल या CNG भरने की अनुमति नहीं होगी। यह नियम दिल्ली में पंजीकृत वाहनों के साथ-साथ अन्य राज्यों में पंजीकृत उन वाहनों पर भी लागू होगा जो दिल्ली में चल रहे हैं।

ANPR सिस्टम से होगी वाहनों की पहचान
पुराने वाहनों की पहचान के लिए दिल्ली के सभी 520 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करके वाहन की उम्र, ईंधन प्रकार और पंजीकरण स्थिति को तुरंत VAHAN डेटाबेस से सत्यापित करेंगे। यदि वाहन EOL श्रेणी में आता है, तो सिस्टम एक ऑडियो अलर्ट के साथ पंप कर्मचारियों और वाहन मालिक को सूचित करेगा, और ईंधन देने से मना कर दिया जाएगा।
नियम तोड़ने की सजा
यदि कोई EOL वाहन पेट्रोल पंप पर ईंधन लेने का प्रयास करता है, तो उसे न केवल ईंधन से वंचित किया जाएगा, बल्कि वाहन को जब्त भी किया जा सकता है। चार पहिया वाहनों के मालिकों पर 10,000 रुपये और दोपहिया वाहनों के मालिकों पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, जब्त वाहनों को स्क्रैपिंग सेंटर भेजा जाएगा। पेट्रोल पंप कर्मचारियों को भी नियम तोड़ने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
दिल्ली-NCR में नियम का विस्तार
यह नियम केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा। 1 नवंबर 2025 से गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और सोनीपत जैसे NCR के पांच जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा। पूरे NCR में यह नियम 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा। इस कदम से दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है, क्योंकि पुराने वाहन, विशेष रूप से BS-IV और उससे पुराने, BS-VI वाहनों की तुलना में 5.5 गुना अधिक PM उत्सर्जन करते हैं।

वाहन मालिकों के लिए सुझाव
दिल्ली सरकार ने सुझाव दिया है कि EOL वाहन मालिक अपने वाहनों को स्क्रैप कर दें या उन्हें उन राज्यों में स्थानांतरित करें जहां नियम कम सख्त हैं। हालांकि, पड़ोसी राज्यों में भी नियम सख्त हो रहे हैं, जिससे स्थानांतरण मुश्किल हो सकता है। वाहन मालिक अपने वाहन की स्थिति VAHAN पोर्टल पर जांच सकते हैं और समय रहते आवश्यक कदम उठा सकते हैं।
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